HPZ क्रिप्टो माइनिंग Scam: कैसे ₹2200 करोड़ उड़ाए गए – जानिए पूरी सच्चाई।। QnA Tree।।

HPZ क्रिप्टो माइनिंग scam एक फर्जी निवेश घोटाला था जिसमें लोगों को क्रिप्टो माइनिंग के नाम पर मोटा रिटर्न देने का झांसा दिया गया। शुरुआत में कुछ मुनाफा दिखाकर लोगों को ऐप और वेबसाइट के ज़रिए निवेश के लिए प्रलोभन दिया गया।

जैसे-जैसे निवेशकों की संख्या बढ़ती गई, स्कैमर्स ने पैसे लौटाने बंद कर दिए और अंत में ऐप और वेबसाइट को ही गायब कर दिया। इस घोटाले में हजारों लोग अपना पैसा गंवा बैठे। 

हम आपको सब कुछ विस्तार से बतायेंगे।पूरा सच जानने के लिए आगे पढ़ें।

(1)HPZ क्रिप्टो माइनिंग कैसे काम करती थी

(2)घोटाले की प्रमुख बातें

(3) प्रमुख आरोपी 


(1). HPZ क्रिप्टो माइनिंग कैसे काम करती है?

● असली माइनिंग नहीं होती :- HPZ जैसे ऐप्स में आपको बस दिखाया जाता है कि आपका मोबाइल क्रिप्टो माइनिंग कर रहा है, जबकि असल में कोई भी माइनिंग प्रोसेस नहीं होता। ऐप सिर्फ एक नकली Hash Rate, Coins Earned, या प्रोग्रेस बार दिखाता है ताकि आप लगे रहें। ये केवल एक सिमुलेशन होता है — न तो इसमें आपका प्रोसेसर उपयोग होता है, न ही कोई असली ब्लॉकचेन कनेक्शन।

(2). घोटाले की प्रमुख बातें:-

● निवेशकों से धोखाधड़ी: HPZ टोकन ऐप के ज़रिए ₹2,200 करोड़ से ज़्यादा जुटाए गए और पैसा विदेश भेजा गया।

● शेल कंपनियों का इस्तेमाल: देशभर में डमी निदेशकों के नाम से 200+ बैंक खाते खोले गए ताकि ट्रांजैक्शन छिपाए जा सकें।

● ED की कार्रवाई: जांच में ₹500 करोड़ से अधिक की रकम फ्रीज की गई; इसमें PayU, Razorpay, CashFree जैसे पेमेंट गेटवे शामिल थे।

(3). प्रमुख आरोपी:-

 दिल्ली निवासी भूपेश अरोड़ा को इस घोटाले का मुख्य आरोपी माना गया है, जो जांच के दौरान दुबई भाग गया था।

निष्कर्ष:-

HPZ क्रिप्टो माइनिंग ऐप एक सिमुलेटेड फ्रॉड था, जिसने लाखों निवेशकों को झूठे मुनाफे का लालच देकर ₹2,200 करोड़ से ज्यादा की ठगी की। ED की जांच और कार्रवाई के बावजूद मुख्य आरोपी विदेश भाग गया। यह घोटाला डिजिटल निवेश में सतर्कता की सख्त ज़रूरत को उजागर करता है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने