महज़ एक घर का सपना देख रहे 3700+ लोगों के साथ हुआ ₹616 करोड़ का बड़ा घोटाला! जानिए कैसे एक पूर्व विधायक और उनके परिवार ने Affordable Housing Scheme को बना दिया धोखाधड़ी का अड्डा। पूरा सच, काली कमाई और ED की सख्त कार्रवाई।
केस बैकग्राउंड
कंपनी ग्रुप: Mahira Group
प्रमुख कंपनियाँ:
- Mahira Homes Pvt. Ltd.
- Mahira Buildtech Pvt. Ltd.
- Mahira Infratech Pvt. Ltd.
- Sai Aaina Farms Pvt. Ltd.
- Czar Buildwell Pvt. Ltd.
प्रमुख व्यक्ति:
धरम सिंह छौकर (पूर्व कांग्रेस विधायक, हरियाणा)
सिकंदर छौकर (पुत्र - गिरफ्तार)
विकास छौकर (पुत्र - फरार)
घोटाले का तरीका
इन कंपनियों ने हरियाणा सरकार की Affordable Housing Scheme के तहत गुरुग्राम के सेक्टर्स 63A, 68, 95, 103, और 104 में प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए।
3,700+ होमबायर्स से ₹616 करोड़ की राशि ली गई।
रकम को फर्जी बिलिंग, ओवर इनवॉइसिंग के ज़रिए कंपनी से निकाल कर निजी खर्चों (महंगी कारें, बेटी की शादी आदि) में उपयोग किया गया।
कानूनी पहलू और रेगुलेटरी प्रतिक्रिया
RERA (Real Estate Regulatory Authority), हरियाणा ने मार्च 2024 में इन प्रोजेक्ट्स का पंजीकरण रद्द किया।
कारण:
प्रोजेक्ट्स का निर्माण पूरा नहीं हुआ
RERA नियमों का उल्लंघन
होमबायर्स के पैसों का दुरुपयोग
ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने मई 2025 में PMLA एक्ट के तहत केस दर्ज कर:
धरम सिंह छौकर को गिरफ्तार किया
करोड़ों की संपत्तियाँ जब्त कीं
PMLA का संक्षिप्त विवरण
पूरा नाम: Prevention of Money Laundering Act, 2002
लागू: 2005 से
जिम्मेदार एजेंसी: प्रवर्तन निदेशालय (ED)
सजा: 3-10 वर्ष जेल + संपत्ति जब्ती + विशेष अदालत में मुकदमा
प्रभाव
3700+ होमबायर्स आज भी अपने घरों से वंचित हैं।
उनके निवेश की रकम फंसी हुई है और वे न्याय की गुहार कर रहे हैं।
रियल एस्टेट में जनता का भरोसा और निवेशकों का आत्मविश्वास हिला है।
सीख
Governance Failure: नियामक निगरानी समय पर होती तो इतना बड़ा घोटाला रोका जा सकता था।
Financial Misuse: कड़े वित्तीय ऑडिट और ड्यू डिलिजेंस की कमी से फर्जी बिलिंग का खेल चला।
RERA की सीमाएँ: पंजीकरण रद्द करना पर्याप्त नहीं, बल्कि पीड़ितों को मुआवजा और न्याय भी मिलना चाहिए।
ED की कार्रवाई जरूरी लेकिन देरी से: कार्रवाई तब हुई जब नुकसान हो चुका था; पहले हस्तक्षेप से होमबायर्स बच सकते थे।
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